फिच सॉल्यूशंस की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक विश्व के सबसे बड़े चावल उत्पादक देश चीन, अमेरिका, यूरोपीय संघ में इस अनाज का उत्पादन तेजी से घटा है। फिच सॉल्यूशंस के कमोडिटी एनालिस्ट चार्ल्स हार्ट के मुताबिक, चावल बाजारों में 1.86 करोड़ टन की कमी हुई है।

चावल को लेकर दुनिया में क्या हो रहा है?
चावल दुनिया के सबसे अधिक खेती वाले अनाजों में से एक है। फिच सॉल्यूशंस की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक विश्व के सबसे बड़े चावल उत्पादक देश चीन, अमेरिका, यूरोपीय संघ में इस अनाज का उत्पादन तेजी से घटा है। फिच सॉल्यूशंस के कमोडिटी एनालिस्ट चार्ल्स हार्ट के मुताबिक, चावल बाजारों में 1.86 करोड़ टन की कमी हुई है। हार्ट ने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर, चावल की कमी का स्पष्ट प्रभाव रहा है, चावल की कीमतें एक दशक के उच्च स्तर पर हैं।’

फिच सॉल्यूशंस कंट्री रिस्क एंड इंडस्ट्री रिसर्च की इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि चावल की कीमतें 2024 तक वर्तमान उच्च स्तर के आसपास रहेंगी। रिपोर्ट के अनुसार, चावल की कीमत 2023 से अब तक औसतन 1,421 रुपए प्रति सीडब्ल्यूटी थी, और 2024 में 1,191.59 रुपए प्रति सीडब्ल्यूटी तक कम हो जाएगी। सीडब्ल्यूटी चावल जैसी कुछ वस्तुओं के लिए माप की एक इकाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2023 के लिए वैश्विक कमी 87 लाख टन होगी। यह 2003-2004 के बाद से वैश्विक चावल की सबसे बड़ी कमी होगी।

दुनिया के अनेक हिस्सों में चावल का उत्पादन लगातार गिर रहा है। इस सूची में चीन से लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ तक शमिल हैं। यह वैश्विक चावल बाजार में दो दशकों में सबसे बड़ी कमी है। संकट की वजह चीन में खराब मौसम और रूस-यूक्रेन युद्ध को बताया जा रहा है। इसके चलते दुनियाभर में चावल की कीमतें बढ़ रही हैं।

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